आयुर्वेद से कैसे करें पुराने नजले का इलाज?
आयुर्वेद से कैसे करें पुराने नजले का इलाज? नजला किसे कहते है ? - नजला एक प्रकार का संक्रामक रोग है इसकी अवधि सात से दस दिनों की होती है | यह ज्यादातर मौसम के बदलने के दौरान होता है | इस रोग में नाक की श्लेष्मक झिल्ली में हल्की सूजन हो जाती है जिससे रोगी को नाक में दर्द रहता है और नाक में हवा लगने लगती है रोगी को बार बार छींके आती है नाक से पानी निकलता है यह पतला और गाढ़ा दोनों तरह का होता है | सावधानी न बरतने पर यह कुपित होकर विकार पैदा करता है | नजला होने के क्या कारण हो सकते है ? - जब जुकाम की चिकित्सा नहीं की जाती तो कुपित होकर नजले का रूप धारण करता है जिसमें रोगी का नाक बंद रहता है उसको साँस लेने में कठिनाई होती है इसे बिगड़ा हुआ जुकाम भी कहते है | जुकाम होने के कई कारण होते है जैसे - अधिक ठंड लगने से, अधिक गर्मी लगने से , ठंडा पानी पीने से और ठंडे पानी में सिर धोने से या नहाने से, नजले के रोगी के संपर्क में रहने से, ज्यादा रोने से, रातभर जागने से | दिन में अधिक सोने के बाद उठकर ठंडा पानी पीने से , धूल -मिट्टी में रहने से, धूप में अधिक रहने से, बर्फ वाला पा