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Best Diet Chart For Typhoid Fever Patients

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टाइफाइड बुखार में रखें खानपान का विशेष ध्यान -  Get Ayurvedic Treatement in  JPS AYURVEDIC PHARMACY  and Get FREE Online Consultation with Best Ayurvedic Doctors. Visit  JPS AYURVEDIC CLINIC  TODAY! टाइफाइड बुखार को सिर्फ इलाज से ही ठीक नहीं किया जाता सकता बल्कि इस बिमारी को जड़ से ख़त्म करने के लिए रोगी का खान पान भी ठीक होना जरुरी होता है | क्यूंकि टाइफाइड बुखार दूषित और गंदे पदार्थों को खाने से पैदा होता है | जिसके कारण शरीर कई तरह के विकार पैदा होने लगते है और शरीर में कमजोरी होने लगती है |  इसीलिए हमने टाइफाइड फीवर में क्या खाना चाहिए और किसको खाने से परहेज करना चाहिए इसके लिए डाइट चार्ट तैयार किया है जोकि इस प्रकार है - Diet Chart For Typhoid Patients - टाइफाइड बुखार में क्या खाएं -  नाश्ते में रोगी को ताजें फलों जैसे पपीता, अंगूर, मुसम्मी का सेवन कराना चाहिए अगर हो सके तो ताजे फलों का जूस पीने को दिया जा सकता है | बकरी का दूध पीने को दिया जा सकता है यह उत्तम माना गया है अगर बकरी का दूध ना मिले तो गाय का दूध पीने को दे सकते है |  रोगी को प्रोटी

Ayurvedic Treatment Is The Best For Typhoid Debility

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Ayurvedic Treatment for Weakness After Typhoid - टाइफाइड कमजोरी का आयुर्वेदिक इलाज! टाइफाइड कमजोरी का आयुर्वेदिक इलाज -  Get Ayurvedic Treatement in  JPS AYURVEDIC PHARMACY  and Get FREE Online Consultation with Best Ayurvedic Doctors. Visit  JPS AYURVEDIC CLINIC  TODAY! टाइफाइड कमजोरी    - टाइफाइड फीवर   का मुख्य कारण Salmonella Typhi नामक जीवाणु / बैक्टीरिया है  जो दूषित पदार्थों को खाने से मुँह के रास्ते आँतों ( Intestines ) में जाकर विष का निर्माण करता है | यह जीवाणु अंतड़ियों जाकर सूजन और जख्म कर देता है | टाइफाइड बुखार 3 से 4 हफ़्तों तक बना रहता है जिसके कारण रोगी को शरीर में कमजोरी  पैदा हो जाती है | क्यूंकि बिमारी कोई भी क्यों ना हो वह शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करती रहती है जिससे रोगी कमजोर हो जाता है | टाइफाइड बुखार लिवर और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे रोगी को खाया हुआ भोजन नहीं पचता और भूख कम लगती है हाथों पैरों में दर्द रहता है | खून की कमी होने से रोगी खुद को बेजान महसूस करता है | टाइफाइड के कारण होने वाली कमजोरी में सिर के बाल झड़ने लगते है  आँखों की

Allopathic treatment of typhoid

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टाइफाइड का एलोपैथिक उपचार -  Get Ayurvedic Treatement in  JPS AYURVEDIC PHARMACY  and Get FREE Online Consultation with Best Ayurvedic Doctors. Visit  JPS AYURVEDIC CLINIC  TODAY! टाइफाइड बुखार - आज कल टाइफाइड बुखार एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है हर दूसरा व्यक्ति टाइफाइड फीवर से पीड़ित है | जिसका कारण उनका रहन सहन और खान पान ठीक ना होना है | जिसके कारण वह इस बैक्टीरियल बुखार से प्रभावित होते है | आधुनिक या एलोपैथी में टाइफाइड बुखार का उपचार या इलाज केवल antibiotic therapy से किया जाता है |   टाइफाइड की एलोपैथी दवा  जोकि इस प्रकार है -  1) Ciprofloxacin - इसका प्रयोग 7 से 14 दिन तक किया जाता है गर्भवती महिला और छोटे बच्चों में इसका प्रयोग नहीं करते |  2) Injection Ceftriaxone - टाइफाइड बुखार में यह अच्छा परिणाम देता है | single dose 3 gm /दो दिनों तक या 4 gm सिर्फ एक दिन में देते है  3) Amoxicillin clavulanate -  इसका प्रयोग भी दिन में दो बार 14 दिन तक करते है |  4) Ofloxacin - इसकी 200 से 800 mg. divided doses खायी जाती है |  5) Typhoid Vi Polysacchoride  vaccine - यह इ

How Ayurveda is the Best in Typhoid then Allopathy

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टाइफाइड बुखार में आयुर्वेदिक उपचार सबसे अच्छा है बजाय एलोपैथी के ! Get Ayurvedic Treatement in  JPS AYURVEDIC PHARMACY  and Get FREE Online Consultation with Best Ayurvedic Doctors. Visit  JPS AYURVEDIC CLINIC  TODAY! टाइफाइड बुखार आज के समय में गंभीर समस्या बनता जा रहा है | बच्चों से लेकर बजुर्ग सब इस बुखार से पीड़ित हो रहे है जिसका मुख्य कारण  Salmonella नामक बैक्ट्रिया माना गया है जो कि दूषित खान पान के कारण पेट में जाकर संक्रमण पैदा करता है और धीरे धीरे शरीर में रहकर रक्त को दूषित करता हुआ लिवर और अंतड़ियों को संक्रमित कर देता है |  इसीलिए टाइफाइड बुखार को हल्के में ना लेकर इसकी चिकित्सा जल्दी से जल्दी करानी चाहिए अगर इसकी चिकित्सा ठीक समय पर नहीं की जाती तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है जैसे रोगी की आंतों में सूजन होने पर उसमें से खून का रिसाव होने लगता है | लिवर ठीक तरह से काम नहीं कर पता आदि |  टाइफाइड बुखार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे उत्तम मानी गयी है जिसके परिणाम बहुत बढ़िया मिलते है कुशल वैद के आयुर्वेदिक उपचार से और संतुलित खानपान और साफ सफाई को ध्

टाइफाइड बुखार- आंत्रज्वर-Typhoid fever symptoms and ayurvedic treatment

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टाइफाइड बुखार- लक्षण और उपचार -  टाइफाइड बुखार -  इसको आंत्रिक ज्वर,  आंतों का बुखार, आंत्रज्वर, मियादी बुखार और  अंतड़ियों का बुखार आदि नामों से जाना जाता है | आधुनिक विज्ञान में इसे TYPHOID FEVER, OR ENTERIC FEVER के नाम से जाना जाता है | इस रोग का प्रमुख कारण Salmonella Typhi नामक बैक्टीरिया है जो प्राणी के शरीर में भोजन के साथ आँतों में चला जाता है | इसके लक्षण 10 से 15 दिनों में दिखने लगते है | अगर इसका सही समय पर उपचार ना किया जाये तो आँतों में से खून के रिसाव का खतरा बढ़ जाता है और निमोनिया तथा दिमाग़ी बुखार होने की संभावना अधिक रहती है | बारिश के मौसम में यह रोग होने की आशंका अधिक होती है |  टाइफाइड होने के  कारण - गंदा पानी पीने से |  ख़राब भोजन खाने से |  बैक्टीरिया युक्त दूषित चीजें खाने से |  दूषित पानी में नहाने और खाना पकाने से | पीड़ित रोगी के संपर्क में रहने तथा उसका जूठा खाने से यह रोग फैलता है| टाइफाइड होने के  लक्षण -  रोगी को 103-104 डिग्री बुखार हर रोज़ रहता है |  ठंड लगती है और बदनदर्द होता है |  सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्