कमर दर्द- Ayurvedic Remedies for Back Pain.
कमर दर्द और उसका आयुर्वेदिक उपचार
कमर-दर्द एक सामान्य समस्या है | कमर-दर्द का प्रायः कोई निश्चित कारण नहीं होता | कमर-दर्द गलत ढंग से उठने-बैठने, स्नायुओं के खिंचाव, सामान्य तनाव, अधिक वजन उठाने या अचानक इधर-उधर मुड़ने या झुकने का परिणाम भी हो सकता है | यह दोषपूर्ण वातावरण या काम करने का असुविधाजनक स्थान या अत्यधिक मुलायम बिस्तर पर सोने से भी हो सकता है | यह पीड़ा कमर के ऊपर तथा नीचे के किसी भी भाग में हो सकती है | कशेरुकाओं ( Vertebrae ) के जोड़ों में भी विकृति अथवा अधिक दबाव पड़ने से कमर-दर्द हो जाता है | मांसपेशियों में तनाव के कारण भी गर्दन, कन्धा तथा गर्दन के पीछे पीड़ा हो सकती है |
कमर दर्द का उपचार
1. सामान्य कमर-दर्द में एक चम्मच नीबू के रस में एक चम्मच लहसुन का रस मिलाकर एक घूंट के लगभग पानी मिलाकर प्रातः-सायं नित्य पीने से दर्द में आराम होता है |
2. मेथीदाना अथवा मेथी की सब्जी का प्रयोग करते रहने से कमर-दर्द में लाभ होता है | सर्दियों के दिनों में मेथी के लड्डू अथवा अंकुरित मेथीदाना खाने से लाभ होता है |
3. सहजन की फली अथवा फलों का सब्जी के रूप में उपयोग करने से कमर-दर्द के अतिरिक्त शरीर के अन्य दर्दो में भी लाभ होता है | सहजन के फल बहुत ही कड़वे होते हैं | लेकिन गरम पानी में उबालने से उनका कड़वापन कम हो जाता है |
4. दो छुआरे दूध में उबालकर पीने से कमर-दर्द में बहुत लाभ होता है | सर्दियों में इससे सर्दी से बचा जा सकता है |
5. जायफल को पानी और तिल के तेल में मिलाकर उबाल लें | जब पानी जल जाए और तेल रह जाए तो उसके ठण्डे होने पर दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से लाभ होता है
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