Dengue Fever Causes Symptoms and Ayurvedic Treatment

Ayurvedic Treatment for Dengue Fever - Best Ayurvedic Dr. JP Sharma

डेंगू बुखार के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार - 



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डेंगू बुखार - डेंगू बुखार भी मलेरिया की तरह मच्छरों के काटने से होता है, डेंगू एक प्रकार का संक्रामक रोग माना गया है जो एडीज नामक मच्छरों के काटने के कारण होता है डेंगू से संक्रमित रोगी को बहुत तेज़ बुख़ार हो जाता है और सिरदर्द, शरीर के अंगों में तथा जोड़ों में तेज़ दर्द होने लगता है चेहरे गर्दन और पीठ पर लाल और गुलाबी रंग के चकत्ते या रैश हो जाते है | साधारण भाषा में डेंगू बुख़ार को हड्डी तोड़ बुख़ार भी कहा जाता है | यह रोग गर्मी के मौसम में महामारी की तरह फैलता जाता है | छोटे बच्चों में यह रोग बड़ों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है | हर साल पुरे संसार में 2 करोड़ से ज्यादा लोग डेंगू बुखार से पीड़ित हो जाते है | 

डेंगू बुखार होने का कारण - डेंगू बुखार का मुख्य कारण एडीज नामक मच्छर है जिसके काटने से डेंगू वायरस व्यक्ति के शरीर में जाकर फैलने लगता है और वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है | जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटने के बाद दूसरे व्यक्ति को काटता है तो डेंगू का वायरस उसके शरीर में जाकर तीन से पांच दिनों में अपने लक्षण प्रकट कर देता है | 

डेंगू बुखार के लक्षण

  • मुँह का स्वाद खराब हो जाता है 
  • रोगी को बहुत तेज बुखार हो जाता है 
  • सिरदर्द बदनदर्द और जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है |
  • मल-मूत्र त्याग करते समय खून निकलता है |   
  • रोगी को भूख कम लगती है जिसके कारण कमज़ोरी होने लगती है
  • रोगी को आँखों और गले में दर्द होता है जिसके कारण वह दुखी होता है |
  • रोगी के सारे शरीर पर लाल -गुलाबी रंग के निशान उभरने लगते है |

डेंगू के प्रकार के आधार पर इसके लक्षण अलग अलग होते है | डेंगू बुखार तीन तरह का होता है - 
Dengue Fever - इसमें बहुत तेज बुखार , सिरदर्द, उलटी आना, मासपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होना त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते और दाने हो जाते है | यह लक्षण 3 से 5 दिनों में उभर जाते है | 
Dengue Hemorrhagic Fever - खून का बहना, प्लेटलेट्स कम हो जाना आदि इसके मुख्य लक्षण माने गए है | 
Dengue Shock Syndrome - इसमें रोगी का B.P बहुत कम हो जाता है और खून में प्लाज़्मा का अधिक रिसाव होने लगता है | जोकि हानिकारक माना गया है | 

डेंगू बुखार की आयुर्वेदिक चिकित्सा -

  • आयुर्वेद में डेंगू बुखार के उपचार के लिए गिलोय बहुत महत्वपूर्ण औषधि मानी गई है इसके ताजे तने को कूटकर तुलसी के 3 से 5 पत्तों के साथ पानी में उबालकर पीना बहुत लाभकारी माना गया है गिलोय सत्व कम हुए प्लेटलेट्स को बढ़ाने  काम करता है | 
  • तेज बुखार को कम करने के लिए मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर या मेथी पाउडर को पानी में डालकर पीना चाहिए | 
  • त्वचा के लाल चकत्ते या रैश को ठीक करने के लिए एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर देना चाहिए | रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तुलसी के पत्तों को काली मिर्च के साथ खिलाना चाहिए | 
  • प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के लिए Wheat Grass  Juice या पपीते का रस  दिन में दो बार पीने को देना चाहिए |  
  • खून की कमी को पूरा करने के लिए ताजे फल खाने चाहिए और ताज़े फलों का जूस पीने को देना चाहिए | 
  • डेंगू बुखार में नारियल का जूस पीना भी लाभकारी माना गया है | 
  • घर के आसपास पानी जमा ना होने दे और मच्छरों से बचाव के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करवायें  | शरीर को ढ़ककर रखें | खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं ताकि मच्छरों से बचाव किया जा सके | 

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