Headache / Migraine Causes Symptoms and Ayurvedic Treatments

Ayurvedic Treatment for Headache / Migraine by Dr.JP Sharma

सिरदर्द /माइग्रेन के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

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सिरदर्द  - सिरदर्द या Headache  में सिर, गर्दन या कभी कभी गर्दन के ऊपरी भाग में दर्द होता है | आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह समस्या आम होती जा रही है | सिर में दर्द होना कोई रोग नहीं है यह तो केवल लक्षण माना गया है | आमतौर पर सिरदर्द की कोई गंभीर वजह नहीं होती इसके होने के कई कारण हो सकते है | जैसे कि अधिक चिंता करना या कोई गंभीर सिर के रोग आदि | सिरदर्द या माइग्रेन को अपनी दिनचर्या में बदलाव करके और रोज़ाना व्यायाम करके ठीक किया जा सकता है | सिरदर्द सिर के कौन से हिस्से , कौन से समय में या किस तरह का हो रहा है आदि कि को ध्यान में रखकर ही चिकित्सा करनी चाहिए | मुख्यतौर पर सिरदर्द चार प्रकार के माने गए है - Migraine , Stress Headache , Tumor Headache , Sinus Headache 

माइग्रेन के लक्षण  ( Migraine ) -  इसमें आमतौर पर सिर के आधे भाग में दर्द होता है | सिरदर्द के साथ उलटी करने का मन होता है माइग्रेन की चिकित्सा इसके वेग के आधार पर होती है अगर माइग्रेन का सिरदर्द  महीने में तीन से अधिक बार होने लगे तो चिकित्सक के परामर्श से इसका उपचार कराना चाहिए | 

सिरदर्द के लक्षण

  • सिर की मांसपेशियों में खिंचाव | 
  • ज्यादा देर तक कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करने से |
  • नींद ना पूरी होने के कारण भी सिरदर्द होने लगता है | 
  • भूखा रहने से या समय पर भोजन ना करने से | 
  • पानी की कमी होने से या पानी कम पीने से | 
  • दूषित वातावरण में साँस लेने के कारण भी सिरदर्द होने लगता है | 


सिरदर्द में करने योग्य उपाय

  • रोज़ाना रात को 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए या सोना चाहिए | 
  • समय पर सोने और जागने की आदत डालें | 
  • तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें ,2 से 3 लीटर पानी रोज़ पियें | 
  • बीड़ी और सिगरेट या शराब का सेवन ना करें | 
  • रोज़ाना व्यायाम और योग करने से सिरदर्द में आराम मिलता है | 
  • गर्दन की मांसपेशियों की थोड़े थोड़े समय में कसरत करने से | 


माइग्रेन में आयुर्वेदिक उपचार

  • माइग्रेन / सिरदर्द की चिकित्सा आयुर्वेदिक औषिधियों से की जा सकती है |
  • भोजन से पहले अविपत्तिकर चूर्ण को मुक्ताशुक्ति भस्म के साथ मिलाकर 2 से 3 ग्राम की मात्रा में लेने पर माइग्रेन में राहत मिलती है | 
  • गोदन्ती भस्म और शिरशूल वज्रादि रस को मिलाकर लेना सिरदर्द में लाभकारी होता है | 
  • रोज़ सुबह एक मुनक्के के बीज़ निकालकर उसमें साबुत राई डालकर पानी के साथ निग़ल ले | दो से तीन बार लेने पर सिरदर्द में राहत मिलती है 
  • रात में सोने से पहले देसी गाय का घी नाक में दो-दो बूंदें डालना लाभकारी माना गया है | 
  • सर्दी - जुकाम में लक्ष्मीविलास रस एक - एक गोली दिन में दो बार लें | 
  • माइग्रेन / सिरदर्द में रोज़ाना 10 से 15 मिनट अनुलोम विलोम और प्राणायाम करना फायदेमंद होता है | 

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