Jaundice Disease Cause and Treatment in Ayurvedic -पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज!
पाण्डु / पीलिया रोग कारण और उपचार :
पीलिया या पाण्डु रोग - आयुर्वेद चिकित्सा में इसे पाण्डु रोग के नाम से जाना जाता है | समान्यता यह पीलिया नाम से प्रचलित है | इस रोग में रक्त अथवा खून की कमी हो जाती है जिसके कारण शरीर में पीलापन आने लगता है आंखे और नाख़ून पीले सफेद होने लगते है | रोगी रक्तहीन मुर्झाया हुआ दिखता है | इसे ही पाण्डु रोग कहते है | इसके पांच भेद माने गए है | जो वातज पाण्डु , कफज पाण्डु , पित्तज पाण्डु , त्रिदोषज पाण्डु मृतिका भक्षण पाण्डु आदि होते है | इनके लक्षणों के आधार पर इनकी चिकित्सा की जाती है |
पीलिया रोग के कारण -
अम्ल द्रव्यों का सेवन करने से |
शराब का अधिक सेवन करने से |
अधिक मिट्टी खाने से |
दिन में सोने से |
तीखें पदार्थों का सेवन करने से |
विरुद्ध आहार करने से |
बासी भोजन खाने से
पाण्डु रोगी के साथ खाना खाने से |
पीलिया रोग के लक्षण -
नेत्र, त्वचा, मुख, नाख़ून का पीला होना |
मल - मूत्र का रक्त मिश्रित और पीला रंग का होना |
भूख ना लगना , थकावट होना आदि |
पीलिया रोग की चिकित्सा -
पाण्डु रोग के सभी कारणों का त्याग करना चाहिए |
दोष के अनुसार औषध और आहार देना चाहिए
पीने के लिए लघुपंचमूल से सिद्ध किये हुए जल का प्रयोग करना चाहिए |
हरीतकी चूर्ण 30 gm को गौमूत्र 100 ml के साथ मिलाकर देना चाहिए |
त्रिफला कवाथ को गौदुग्ध के साथ देना चाहिए |
पिप्पली चूर्ण 3 gm. को दूध के साथ सेवन करना चाहिए |
मुलेठी चूर्ण 2 gm को शहद के साथ दिन में तीन बार देने से पाण्डु रोग नष्ट है |
Comments
Post a Comment