Najala - jukaam kaaran lakshan aur ayurvedik upachaar

नजला और जुकाम का आयुर्वेदिक इलाज -JPS AYURVEDIC PHARMACY

नजला और जुकाम के कारण लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

नजला और जुकाम -  नजला एक प्रकार का संक्रामक रोग है इसकी अवधि सात से दस दिनों की होती है | यह ज्यादातर मौसम के बदलने के दौरान होता है | इस रोग में नाक की श्लेष्मक झिल्ली में हल्की सूजन हो जाती है जिससे रोगी को नाक में दर्द रहता है और नाक में हवा लगने लगती है रोगी को बार बार छींके आती है नाक से पानी निकलता है यह पतला और गाढ़े दोनों तरह का होता है | सावधानी न बरतने पर यह कुपित होकर विकार पैदा करता है |  

नजला और जुकाम के कारण - जब जुकाम की चिकित्सा नहीं की जाती तो कुपित होकर नजले का रूप धारण करता है जिसमे रोगी का नाक बंद रहता है उसको साँस लेने में कठिनाई होती है इसे बिगड़ा हुआ जुकाम भी कहते है |
जुकाम  नजले  होने के कई कारण होते है जैसे - 
अधिक ठंड लगने से या गर्मी लगने से ,
ठंडा पानी पीने से और ठंडे पानी में सिर धोने से या नहाने से,
नजले और जुकाम के रोगी के संपर्क में रहने से,
ज्यादा रोने से, और रातभर जागने से | 
दिन में अधिक सोने के बाद उठने पर ठंडा पानी पीने से ,
धूल -मिट्टी में रहने से , धूप में अधिक रहने से | 
बर्फ वाला ठंडा पानी पीने से | 

नजला जुकाम के लक्षण - नजला जुकाम के रोगी को सबसे पहले नाक में जलन होने लगती है | नाक में ठंडी हवा लगने लगती है और  छींकें आनी शुरू हो जाती है | सिरदर्द और नाक में दर्द होता है | सिर में भारीपन हो जाता है | आँखों में और नाक से पतला पानी निकलने लगता है | आँखों और गले में दर्द होने लगता है | कई बार बुखार भी हो जाता है सारे शरीर में दर्द होने लगता है | आंखे लाल हो जाती है, बार बार नाक बंद होता है साँस लेने में तकलीफ़ होती है | रोगी को मुख से साँस लेना पड़ता है | 

सुझाव - बहुत अधिक गर्म या ठंडी चीजें नहीं कहानी चाहिए | दही, बर्फ, करेला, बैंगन, केला जुकाम में नहीं खाना चाहिए | अधिक ठंडी आउट गर्म तासीर की चीजों से परहेज़ करना चाहिए | धूल और मिट्टी वाले स्थान पर जाने से बचना चाहिए या अपना बचाव करके रखना चाहिए | नजला जुकाम से पीड़ित रोगी से अलग रहना चाहिए | 

आयुर्वेदिक चिकित्सा में नजले और जुकाम के उपाय
पुराने नजले और जुकाम के लिए भूने हुऐ चने को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है | 
सरसों के तैल में कर्पूर डालकर गर्म करके पैरों के तलवों पर लगाने से जुकाम नजले में राहत मिलती है | इसे 2से 4 बार लगाने लाभ होता है | 
तवे पर सुहागा खील बनाकर उसको बारीक पीस कर 1/2 gm दिन में दो से तीन बार शहद या गर्म जल से लेने पर आराम मिलता है |  
अदरक की चाय पीने  दें, अदरक का रस और शहद मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है | 
एक कप गाय का गर्म दूध और एक चम्मच हल्दी पाउडर तथा चीनी मिलाकर पीना लाभदायक होता है | 
हींग को पानी में पीसकर सूंघने से जुकाम में राहत मिलती है | 
नजला और जुकाम के रोगी को पानी गर्म करके भाप ( steam ) लेते रहना चाहिए | इसके प्रयोग से संक्रमण जल्दी ठीक होता है और रोगी आराम महसूस करता है सांस की तकलीफ में राहत मिलती है | 

पुराने से पुराने जुकाम और नजले की चिकित्सा की जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से  संपर्क और परामर्श लिया जा सकता है |

Get FREE Consultation By Dr.JP Sharma

Call Now! +91-9877194003 Start Your Best Ayurvedic Treatment!

Email: UpVaidGuru@Gmail.Com

JPS AYURVEDIC PHARMACY

If You Have Any Questions In Your Mind, Please Do Not Hesitate. Feel Free To Consult Our Expert Ayurvedic Doctors At The Following Contact Information:




Comments

Popular posts from this blog

Are You looking for Ayurvedic Clinic in Dasuya ?

गुर्दे की पथरी, कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार- Kidney stones causes symptoms and Ayurvedic treatment-

Ayurveda is the Best for Asthma Totake