Swelling Cause And Its Best Cure In Ayurveda

Ayurvedic Treatment For Swelling by Dr.JP Sharma

सूजन / शोफ, कारण, लक्षण और आयुर्वेद में इसका सबसे अच्छा इलाज -  

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सूजन - शरीर के अलग-अलग अंगों का फूलना सूजन / शोफ / शोथ कहलाता है | इस रोग से पीड़ित रोगी के शरीर के अंगों में जैसे हाथों, पैरों, चेहरे, आँखों आदि स्थानों पर सूजन होने लगती है जिसके कारण दर्द होने पर रोगी परेशान होने लगता है | 

सूजन के कारण - सूजन रोग होने के कई कारण माने गए है इनमें प्रमुख कारण खून की कमी , शरीर के किसी भाग तक खून का ठीक से ना पहुँचना / रक्त संचार सही प्रकार से ना होना, और शरीर में दूषित हुए पदार्थों और द्रवों का इकठा होना माना गया है यह दूषित पदार्थ शरीर से जब बाहर नहीं निकल पाते तब शरीर के अंगों में रुकावट पैदा करके 
अपना प्रभाव डालते है जिनके परिणाम स्वरूप सूजन / शोथ / शोफ हो जाता है | इसके इलावा सूजन रोग का कारण पेट का साफ़ ना होना, शरीर के कुछ अंगों का ठीक प्रकार से काम ना करना, या किसी रोग से पीड़ित होना भी माना गया है जैसे - गुर्दे, लिवर और दिल आदि अंगो में रोगों का पैदा होना आदि | 

सूजन के लक्षण - शरीर के अलग-अलग अंगों में विकारों के कारण सूजन के लक्षण भी अलग-अलग होते है | जैसे दिल के रोग से पीडित रोगी के चेहरे और आँखों पर सुबह के समय ज्यादा दिखाई देती है | गुर्दे सम्बन्धी रोग के कारण रोगी के हाथों , पैरों और टांगों में सूजन होती है | इसके इलावा  थायराइड रोग होने पर शरीर फूलने है और हाथ-पैर सूजने लगते है, चेहरा और गर्दन में सूजन दिखाई देती है | 

सूजन का आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार -

सूजन रोग से पीड़ित रोगी को शरीर में पड़े हुए फालतू और बेकार द्रवों और पदार्थों को निकालने के लिए रोज़ाना 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए | 
खून की कमी को पूरा करने के लिए रोगी को ताज़े फलों का जूस और ताजी सब्जियों का सेवन कराना चाहिए | 
रोज़ाना सुबह उठकर गर्म पानी पीना चाहिए यह दूषित पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है | 
रोज़ाना लहसुन की एक तुरी चबाकर खाये और गाजर, लौकी और करेला आदि में से एक का जूस पीना लाभकारी होता है | 
रोगी को बासी, ज्यादा नमक, मिर्च मसालेदार भोजन / पदार्थ नहीं खाने चाहिए | 
नीम के पत्तों का काढ़ा  4-6 पत्तों को चबाकर खाने  सूजन रोग से छुटकारा मिलता है | 
रोगी को पेट की नियमित सफाई रखने के लिए रोजाना त्रिफला चूर्ण / त्रिफला गुग्गुलु गर्म पानी से लेना चाहिए | 
पुनर्नवारिष्ट पीने से और पुनर्नवा मंडूर की 1 से 2 गोली खाने से भी सूजन कम होती है | 
लिवर, किडनी रोगों के कारण होने वाली सूजन में सर्वकल्प काढ़ा, वृककदोषहर कवाथ पीना लाभकारी होता है | 
मूत्रल चीजों का सेवन ज्यादा करें जैसे - लस्सी, जूस, जौं का दलिया आदि| 
नियमित रूप से सैर और 10 से 15 मिनट तक प्राणायाम जरूर करे | 

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