The Powerful And Natural Remedies In The Sinus Infection

Ayurvedic Treatment for Sinus Infection - साइनस संक्रमण में शक्तिशाली और प्राकृतिक इलाज!

साइनस संक्रमण में शक्तिशाली और प्राकृतिक उपचार -  

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साइनस - यह नाक /Nose का रोग होता है | नाक के चारों और की हड्डियों के बीच एक cavity  होती है, जिसको साइनस कहा जाता है | इस पर श्लेष्मा झिल्ली की परत होती है, जब रोगी जुकाम से ज्यादा दिन तक पीड़ित रहता है तो यह साइनस श्लेष्मा अधिक बनाने लगते है जिससे नाक की झिल्ली में सूजन आ जाती है जिसके कारण साँस लेने में दिक्क्त होने लगती है | आयुर्वेद में इसको दुष्ट प्रतिश्याय कहा जाता है जो जुकाम का बिगड़ा हुआ रूप माना गया है | यह नाक में बैक्टीरिया, वायरल के बढ़ने से होता है | बार बार होने वाले साइनस को आयुर्वेदिक दवाओं से आसानी से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है | इस रोग का ज्यादा प्रकोप सर्दी के मौसम में होता है | आधुनिक भाषा में इसको sinusitis कहा जाता है | सीटी-स्कैन और MRI से साइनस संक्रमण का पता लगाया जाता है |  


साइनस के लक्षण



साइनस होने पर सिर में भारीपन और  सिरदर्द होता रहता है 

नाक से हरे और पीले रंग का द्रव निकलता रहता है | 
चेहरे और आँखों में दर्द होता है नज़र भी कमज़ोर हो जाती है 
गले और कानों पर हाथ लगाने से दर्द होने लगता है | 
रोगी को लगातार जुकाम बना रहता है नाक बंद रहता है 
सांस लेने में तकलीफ होती है  मुँह से बदबू आने लगती है | 
आँखे लाल हो जाती है और आँखों से पानी निकलता है |
सूंघने की शक्ति कम हो जाती है आँखों के पीछे दर्द होता है |  
पूरे शरीर में थकान रहती है बुखार हो जाता है और खांसी भी हो जाती है | 
नाक बहने लगता है नाक में खुजली होती है और छींके आती रहती है | 
रोगी को नींद ठीक से नहीं आती है चेहरे और आँखों के पास सूजन हो जाती है | 


साइनस के कारण



साइनस होने के बहुत सारे कारण हो सकते है जैसे - तनाव होना | 

वात और कफ के प्रकोप से साइनस हो जाता है | 
धूल मिटटी वाले वातावरण से होने वाली एलर्जी से | 
सिगरेट / बीड़ी और शराब ज्यादा पीने से | 
ठंडी और बर्फ वाली चीजों को खाने से 
ठंडी हवा में रहने से | 
साइनस रोग से पीड़ित रोगी  रहने पर यह रोग फैलता है | 


साइनस की आयुर्वेदिक चिकित्सा



साइनस के रोगी को सुबह शाम गर्म दूध में हल्दी मिलकर पिलाना चाहिए | 

रोगी को रोजाना स्टीम लेनी चाहिए | जिससे नाक की सूजन कम होती है और रोगी को सांस लेने में तकलीफ कम होती है | 
ज्यादा ठन्डे और ज्यादा गर्म पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए | 
रोगी को विटामिन सी और विटामिन ऐ युक्त भोजन / फल खाने को देने चाहिए | 
रोजाना गर्म पानी पीना चाहिए और अदरक तथा तुलसी के पत्तों की चाय पीने को दें |  
लक्ष्मी विलास रस और संजीवनी वटी का सेवन जल से करना चाहिए 
त्रिकटु चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने पर साइनस में आराम मिलता है |
तली भुनी चीजे न खाये और ना ही ठंडा पानी पियें | 
हर रोज कपालभाति , अनुलोम विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम करने से साइनस से छुटकारा पाया जा सकता है | 


साइनोसाइटिस एक आम समस्या है जिसको आसानी से सही उपचार से ठीक किया जा सकता है | अगर जुकाम 7 से 10  दिनों तक ठीक ना हो तो डॉक्टर की सलाह से साइनस का इलाज करवाना  चाहिए |  

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