Ayurveda Is The Best For Hiccough Treatment

Ayurvedic Treatment for Hiccough -Dr JP Sharma

आयुर्वेद में है हिक्का / हिचकी का सबसे उत्तम उपचार 

हिचकी, लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार

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हिचकी / हिक्का -  हिक्का को आम बोलचाल की भाषा में हिचकी कहते है | जब शरीर में प्राणवायु प्रकुपित होकर बढ़े हुए वेग के साथ मुख से बाहर निकलने के लिए उतावली होती है तो अचानक गले से हिक हिक शब्द की आवाज निकलती है इसी को हिक्का या हिचकी कहते है | जब भी हिक्का का वेग शुरू होता है तो बहुत देर तक लगातार हिचकी आती रहती है | दस्त, बुखार, उलटी, जुकाम और पीलिया के बाद हिक्का रोग की उत्पत्ति होती है | 

हिचकी के लक्षण - रोगी को बार हिचकियाँ आने लगती है अचानक गले से हिक हिक शब्द की आवाज आती है साँस लेने में परेशानी होती है | सिरदर्द, पेट फूलने और पेट दर्द की समस्या होती है | 

हिचकी होने का कारण

  • धूल, धुआं और धूप तथा तेज हवा में रहने से | 
  • अधिक व्यायाम करने से और अधिक काम करने से 
  • पानी कम पीने से और अधिक पैदल चलने से | | 
  • मल- मूत्र के वेगों को रोकने से और रुक्ष और भारी भोजन करने से | 
  • गर्म और ठंडी चीजों का एक साथ प्रयोग करना हिक्का रोगका मुख्य कारण बनता है


हिक्का रोग की आयुर्वेदिक चिकित्सा

  • सबसे पहले हिक्का रोग के कारणों का त्याग करना चाहिए |
  • कफ और वातनाशक आहार विहार और औषधि का सेवन करे
  • अचानक मुख पर पानी के छींटे मारना, और ध्यान कहीं और लगाना  | 
  • सुकोष्ण घी में सैंधव नमक मिलाकर नस्य दें 
  • सेंधव नमक को पानी में मिलाकर नाक में एक एक बून्द डालने से हिक्का शांत होती है |
  • शहद के साथ तुलसी रस मिलाकर चाटने पर हिचकी बंद हो जाती है | 
  • काली मिर्च का चूर्ण मक्खन के साथ खाने से हिचकी में लाभ होता है | 
  • प्याज का रस जल में मिलाकर भी नाक में डाला जा सकता है | 
  • मयूरपिच्छ भस्म 400 mg और पीपर का चूर्ण 500 mg मिलाकर दो दो घंटे पर शहद के साथ खाने को दें | 
  • शंखचूलरस 300 mg शहद के साथ दिन में तीन बार देना सर्वोतम योग माना गया है | 
  • भोजन के बाद दिन में दो बार कनकासव 20 ml में बराबर जल मिलाकर पिलाना चाहिए | 
  • रात को सोने से पहले आरोग्यवर्धनी वटी रोगी को खाने को दें | 


परामर्श -  

  • रोगी को पुराने चावल, मुंग दाल, बकरी का दूध, शहद और पालक आदि खाने को दिया जा सकता है | 
  • रोगी को तिल, लस्सी, खोया, मांस, मछली, उड़द दाल, दही और सरसों का शाक खाने को नहीं देना चाहिए | 
  • अधिक काम ना करे और ना ही अधिक पैदल चलें |   

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