Ayurveda Is The Best For Muscle Cramp Treatment
आयुर्वेद में है मांसपेशियों की ऐंठन के लिए सर्वश्रेष्ठ उपचार
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मांसपेशी में ऐंठन, कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार -
मांसपेशी की ऐंठन - आजकल मांसपेशी में ऐंठन होना आम बात हो गयी है | ऐंठन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है | शरीर के अंगों में अकड़न, नस चढ़ना , Cramps आदि को मांसपेशी की ऐंठन आदि नामों से जाना जाता है | यह रोग ज्यादातर हाथों , पैरों और टांगों में होता है |
ऐंठन का कारण - मांसपेशी ऐंठन के बहुत से कारण हो सकते है | ऐंठन होने का मुख्य कारण मानसिक तनाव, शरीर में विटामिन बी और डी की कमी , मिनरल्स, कैल्शियम,आयरन और खून की कमी होना माना गया है शरीर में कमजोरी होने के कारण जब मांसपेशी पर अचानक से दबाव पड़ता है तो ऐंठन या Cramps होने की संभावना अधिक रहती है | जिसके कारण असहनीय तेज दर्द होने लगता है और नसों में अकड़न बढ़ती जाती है | आमतौर पर यह समस्या पैरों की नसों और टांगों की नसों में देखने को मिलती है |
ऐंठन के लक्षण - रोगी को अचानक से मांसपेशी में खिंचाव महसूस होने लगता है और बहुत तेज दर्द होने लगता है | नसों में खिचाव के कारण शरीर का वह भाग मुड़ जाता है सीधा करने पर दर्द होता है तथा अकड़न बढ़ने लगती है | नसों में खिचाव और अकड़न कुछ समय के लिए बनी रहती है उसके बाद धीरे धीरे अकड़न कम हो जाती है | ऐसा दिन में और रात में कई बार या बार बार होता रहता है |
ऐंठन का आयुर्वेदिक उपचार - शरीर के अंगों की अकड़न नसों के खिचाव को आयुर्वेदिक उपचार से दूर किया जा सकता है |
रोगी को विटामिन से युक्त संतुलित आहार खाने को देना चाहिए |
ताजे फल और उनका जूस हरी सब्जी और प्रोटीन वाला आनाज ज्यादा दें |
पानी ज्यादा मात्रा में पीना चाहिए | पानी को उबालकर हल्का गर्म करके पीना लाभकारी रहता है |
शरीर को गर्म रखने से ऐंठन कम होती है इसलिए ठंड में ना रहे | शरीर को ढककर रखें ऐसे से अकड़न कम होती है |
शरीर को कमजोरी को दूर करने के लिए अश्वगंधा अरिष्ट और दशमूलारिष्ट रोगी को पीने को दिया जा सकता है |
मेदोहर वटी और पुनर्नवा मंडूर की दो दो गोली दिन में बार रोगी को दें |
बालअश्वगंधा तेल या महानारायण तेल से ऐंठन के स्थान पर हलके हाथों से मालिश करना लाभकारी है |
सोने से पहले भोजन के बाद एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण रोगी को खाने को दिया जा सकता है |
गुड़ और तिल को मिलाकर दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है |
गुड़ और तिल को मिलाकर दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है |
रोजाना व्यायाम, कपालभाति और अनुलोम विलोम और प्रणायाम करने से मांसपेशी ऐंठन की समस्या दूर होती है |
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