Chikungunya Causes Symptoms and Ayurvedic Treatment
Ayurvedic Treatment for Chikungunya- चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज! |
चिकनगुनिया, कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
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चिकनगुनिया - चिकनगुनिया भी डेंगू बुखार की तरह वात प्रधान ज्वर है जो एक प्रकार के विषाणु संक्रमण ( virus ) से होता है | यह विषाणु Aedes Aegypti नामक मच्छर के काटने से होता है आयुर्वेद में इसको पित्तजन्य ज्वर कहा जाता है और 7 दिन में शांत हो जाता है | परन्तु रोगी लम्बे समय तक इसके प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाता है | इसलिए सही समय पर इसका उपचार कराना जरूरी है |
चिकनगुनिया के लक्षण -
अचानक ठंड लगकर बहुत तेज बुखार आना
जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द
सिरदर्द होना
भूख ना लगना या कम लगना
पेट में दर्द होता है |
आयुर्वेदिक चिकित्सा - डेंगु की तरह ही चिकनगुनिया बुखार की चिकित्सा लक्षणों के आधार पर की जाती है |
गिलोय, अनंतमूल, मुनका और सौंफ का काढ़ा बनाकर उसमे गुड़ मिलाकर रोगी को पीने को दें |
गोदन्ती भस्म , महासुदर्शन वटी और अमृता सत्व लगातार 21 दिनों तक चिकित्सक की सलाह से रोगी को खिलाना लाभकारी है |
दशमूलारिष्ट और अमृतारिष्ट 4 - 4 चम्मच सुबह शाम भोजन के बाद पीने को दें |
अशवगंधावलेह एक एक चम्मच दिन में खाने को दिया जा सकता है |
परामर्श -
रोगी को पुराने चावल, मूंग और मसूर दाल, बथुआ, चौलाई शाक अंगूर, अनार और मुनका, गोदुग्ध आदि खाने को दिया जा सकता है |
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