Say Good Bye To Uric Acid With Ayurvedic Treatment.

Ayurvedic Treatment For Uric Acid by Dr.JP Sharma

15 दिनों के आयुर्वेदिक उपचार से करें यूरिक एसिड को बाय - बाय - 

Get Ayurvedic Treatement in JPS AYURVEDIC PHARMACY and Get FREE Online Consultation with Best Ayurvedic Doctors. Visit JPS AYURVEDIC CLINIC TODAY!

यूरिक एसिड - जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो  यह शरीर के जोड़ों में जमा होने लगता है जिससे गठिया या Gout नामक बिमारी हो जाती है जिससे रोगी के पूरे शरीर के जोड़ों में, हाथों और पैरों में तेज दर्द होता रहता है | रोगी को चलने-फिरने, उठने और बैठने में भी कष्ट होता है | यह रोग आदमी और औरतों दोनों में पाया जाता है | आयुर्वेदिक चिकित्सा और सही खानपान से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है | 

SEE Our Uric Acid Patient Live Feedback…


यूरिक एसिड होने का कारण - शरीर में यूरिक एसिड होने का कारण Purines नामक रासायनिक यौगिक का बढ़ना माना गया है  जो खाने पीने की चीजों में पाया जाता है | विशेष रूप से जब मनुष्य purines युक्त पदार्थों को खाता है तो liver खाये हुए पदार्थों को पचाने के लिए purines को तोड़ने लगता है और waste product को मूत्र में यूरिक एसिड के रूप में किडनी के द्वारा शरीर से बाहर निकालता है | जब यही ( waste product) यूरिक एसिड मूत्र के साथ शरीर से पूरी तरह बाहर ना निकलकर शरीर के अंदर ही जमा होने लगे तो किडनी स्टोन / जोड़ों का दर्द / Gout और जोड़ों में दर्द का कारण बनता है |  इसलिए यूरिक एसिड को नियंत्रित करना जरूरी है | 

यूरिक एसिड के लक्षण - शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से रोगी को जोड़ों में दर्द होता रहता है | हाथों और पैरों के जोड़ों में गांठ बनने लगती है पूरे शरीर में तेज़ दर्द होता रहता है | रोगी चल फिर नहीं सकता | पूरे शरीर में सूजन हो जाती है घुटनों, हाथों और पैरों के जोड़ों में सूजन के साथ अकड़न / जकड़न हो जाती है | रोगी शरीर में कमजोरी महसूस करता है | यह समस्या 35 से 40 वर्ष की आयु में अधिक होती है | अगर खान पान का ध्यान न रखा जाये तो यह रोग किसी भी समय हो सकता है | इसलिए इससे बचने के लिए खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए | 

यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक  उपचार
  • रोगी को रोजाना 3 से 4 लीटर हल्का गर्म पानी थोड़ा थोड़ा करके पीना  चाहिए ऐसे करने से शरीर में पड़े हुए दूषित पदार्थ आसानी से बाहर निकलने लगते है | 
  • यूरिक एसिड में चेरी, तरबूज और पपीता फल खाना लाभकारी होता है | गाजर और चुकंदर का जूस पीने से कमजोरी और सूजन दूर होती है |
  • रोगी को हल्का भोजन जैसे दलिया खाने को दिया जा सकता है | 
  • बथुए की सब्जी या इसका रस खाली पेट भोजन से दो घंटे पहले पीना  यूरिक एसिड में लाभकारी होता है | 
  • नारियल का पानी पीना या निम्बू का रस गर्म पानी में डालकर पीने से मूत्र में यूरिक एसिड बाहर निकालता है | 
  • यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए रोजाना खाली पेट अख़रोट खाना और घृतकुमारी रस में आंवला का रस मिलाकर पीना लाभकारी है | 
  • अलसी के भुने हुए बीज और अजवायन भोजन के बाद खाने से यूरिक एसिड कम होता है | 
  • Apple Cider ( सेब का सिरका ) दो चमच दिन में तीन बार हल्के गर्म पानी में डालकर पीने से यूरिक एसिड का दर्द कम होता है |
  • औषधि के रूप में त्रयोदशांग गुग्गुल और त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म जल से दिन में दो बार लें | 
  • भोजन के बाद दशमूलारिष्ट बराबर जल मिलाकर पीने को दें | 
  • जोड़ों और दर्द वाली जगह पर महानारायण तैल से मालिश करे | 
  • रात को सोने से पहले अश्वगंधा चूर्ण को शहद के साथ खिलाकर हल्का  गर्म दूध रोगी को पीने को दे सकते है | 


संतुलित खानपान और आयुर्वेदिक चिकित्सा से यूरिक एसिड से छुटकारा संभव है |  



Get FREE Consultation By Dr.JP Sharma

Call Now! +91-9877194003 Start Your Best Ayurvedic Treatment!

E-mail: UpVaidGuru@Gmail.Com

JPS AYURVEDIC PHARMACY

If You Have Any Questions In Your Mind, Please Do Not Hesitate. Feel Free To Consult Our Expert Ayurvedic Doctors At The Following Contact Information:


Comments

Popular posts from this blog

Are You looking for Ayurvedic Clinic in Dasuya ?

गुर्दे की पथरी, कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार- Kidney stones causes symptoms and Ayurvedic treatment-

Ayurveda is the Best for Asthma Totake