कैसे करें सूखी खांसी का घरेलू उपचार !

How Can I Stop a Dry Cough At Home?

कैसे करें सूखी खांसी का घरेलू उपचार !      

खांसी शरीर में होने वाले विभिन्न रोगों के कारणों की प्रतिक्रिया है | जब हम सांस लेते हैं तो सांस नली बन्द हो जाती है | उसमें रुकावट पैदा होती है और छाती में सिकुड़न पैदा होकर वायु के गुजरने में दबाव पैदा होता है जब स्वरयंत्र खुल जाता है तो आराम अनुभव होता है | स्वरयंत्र के बंद होने अथवा उसमें रुकावट पैदा होने के कारण धूल-मिट्टी, कीटाणु अथवा श्लेष्मा उत्पन्न होती है | 

खांसी होने का कारण-

खांसी का कारण सर्दी, जुकाम के अतिरिक्त गले और सांस की नलियों का संक्रमण, फेफड़े तथा दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं | जब तक खांसी के मूल कारण का सही ढंग से निदान न किया जाए, तब तक केवल खांसी के इलाज के लिए दवाएं पीने से विशेष लाभ नहीं होगा, इसलिए आवश्यक है कि पहले खांसी के मूल रोग का निदान किया जाए |

खांसी के प्रकार - खांसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
एक सूखी खांसी - जिसमें कफ निकलने में कठिनाई होती है | 
दूसरी बलगमी खांसी- इसमें रोगी को बलग़म के साथ खांसी होती है, बलगमी खांसी में थोड़ा खांसने के बाद कफ निकलने लगता है | 
परंतु एक तीसरे प्रकार की खांसी, “कुकुर खांसी” भी होती है |
सूखी खांसी में कफ निकलने में कठिनाई होती है | सूखी खांसी वास्तव में खांसी प्रारंभ होने का लक्षण है |

सूखी खांसी के घरेलू उपचार-

1. हरेक प्रकार की खांसी के उपचार के लिए आवश्यक है कि कुछ दिनों के लिए धूम्रपान बंद कर दिया जाए | धूम्रपान से श्वास नली में जलन पैदा होती है और रोग बढ़ता है |
2. खांसी या बलगम वाले रोगियों को पानी या अन्य तरल पदार्थों को गरम करके सेवन करना चाहिए | इससे गले को आराम मिलता है |
3. नीबू काटकर नमक और कालीमिर्च भरकर उसे हल्का-सा गर्म कर लें | उसे चूसने से खांसी में लाभ होता है |
4. सूखी खांसी में, सूखे आंवले को उसकी गुठली निकालकर हरा धनिया मिलाकर चटनी के रूप में धीरे-धीरे चाटने से भी आराम मिलता है और कफ निकलने लगता है |
5. सूखी खांसी में अंगूरों का किसी भी रूप में सेवन करने से फेफड़ों को शक्ति मिलती है | कफ बाहर निकलने लगता है | अंगूर आदि रसदार फल खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए |
6. सूखी खांसी में पालक का रस निकालकर उसे हल्का-सा गर्म करके गरारे करने से भी लाभ होता है |
7. चार-पांच काली मिर्च और चुटकी भर सोंठ के चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से कफयुक्त खांसी में आराम मिलता है |
8. 10 ग्राम भुनी हुई फिटकरी तथा 100 ग्राम देसी खांड को बारीक पीसकर आपस में मिला लें | इससे दवाई की 14 खुराक बन जाती हैं | सूखी खांसी में रात को सोते समय एक खुराक गरम दूध से लें |
9. पके हुए सेब के रस से सूखी खांसी में आराम मिलता है | रस में मिश्री मिलाकर प्रातःकाल पीने से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है | कम-से-कम 10-12 दिनों तक इसका लगातार प्रयोग करना चाहिए |
10. इसके अतिरिक्त प्रतिदिन 250 ग्राम सेब का गूदा भी खाया जा सकता है |
11. सूखी खांसी में नारियल के दूध में खसखस रगड़कर दो-तीन चम्मच नारियल का दूध मिला दिया जाए और उसमें शहद मिश्रित कर रात को सोने से पहले सेवन किया जाए तो गले में होने वाली जलन में लाभ होता है | शहद हर प्रकार की कष्ट देनेवाली खांसी के लिए गुणकारी है | कष्ट देनेवाली खांसी में यदि हल्के गरम पानी में शहद मिलाकर गरारे किए जाएं तो लाभ होता है |
12. जिन रोगियों को रात में खांसी होती है उन्हें बहेड़े के छिलके का एक छोटा टुकड़ा छिले हुए अदरक के टुकड़े के साथ चूसने से बलगम निकलने में आसानी होती है | खांसी के कारण नींद भी खराब नहीं होती |
13. यदि सूखी खांसी हो तो पान के पत्ते में थोड़ी-सी साफ अजवाइन रखकर उसका रस चूसने से आराम होता है | सूखी खांसी वालों को अजवाइन का प्रयोग बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है | दिन में एक या दो बार एक-दो चुटकी साफ की हुई अजवाइन चबाकर रस चूसने और उसके बाद गरम पानी पीने से सूखी खांसी में आराम मिलता है |
14. सौंठ, कालीमिर्च और हल्दी समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें | लगभग आधा चम्मच चूर्ण दिन में दो बार गरम पानी से सेवन करने से गले की सूजन तथा दर्द में लाभ होता है |
15. सूखा आंवला और मुनक्का की समान मात्रा का चूर्ण बनाकर रख लें | प्रातः तथा सायंकाल एक चम्मच चूर्ण खाली पेट दो सप्ताह तक लेने से छाती में जमा हुआ पुराना बलगम भी साफ होने लगता है | उक्त चूर्ण में मिश्री मिलाकर 250 ग्राम के लगभग गरम दूध से अथवा दूध में डालकर, उबालकर पीने से गले में जलन और छालों में आराम होता है |
16. 25 ग्राम अलसी के बीज डेढ़ पाव पानी में अच्छी तरह से उबालें | जब पानी एक तिहाई रह जाए तो बीजों को अच्छी तरह मसल-छानकर थोड़ी मिश्री मिलाकर एक चम्मच काढ़ा एक-एक घंटे के अंतर पर लेने से छाती में जमा हुआ बलगम निकलने लगता है |
17. लौंग के साथ नमक की छोटी-सी डली चूसने से बलगम निकलने में आसानी होती है, गले की जलन दूर होती है | गले की सूजन में भी आराम मिलता है | लौंग को जलाकर चूसने से भी गले की खराबी दूर होती है|

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